चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई,चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए,हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये।
हसरतें मचल गई जब,तुमको सोचा एक पल के लिए,सोचो तब क्या होगा जब,मिलोगे मुझे उम्र भर के लिए।
राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही, इतनी ही फिक्र है तो फिर, हमारे होते क्यों नही।
दीवानगी मे कुछ ऐसा कर जाएंगे।महोब्बत की सारी हदे पार कर जाएंगे।वादा है तुमसे ।दिल बनकर तुम धड़कोगे और सांस बनकर हम आएँगे।।
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है, उनके इंतजार में दिल तरसता हैक्या कहें इस कम्बख्त दिल को.. अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है।
बस मुझे अपने बाहों में सुलालो,फिर चाहे कितना भी मुझे रुला लो।
वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रखा है,वरना मोहब्बत इतनी भी हसीँ नही होती।
तेरा रूठना भी इतना अच्छा लगता है,कि दिल करता है दिनभर तुझे छेड़ता ही रहूँ
सासो में रहकर तुम हमारे मेहमान बन गए।
बाते ऐसी की कि हमारी मुस्कान बन गए।
लोग पास रहकर भी हमारे न हो सकें।
तुम दूर रहकर भी हमारी जान बन गए।
मेरी हर रात में आपकी याद होती हैं।
चाँद तारों में रोज यही बात होती हैं।
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